
शैली: सस्पेंस, थ्रिलर
स्थान: गाँव के बाहर बिना छत का पुराना मठ
कैमरा ओपन होता है |

रात के करीब २ बजे का समय जब सब लोग सो चुके होते है ,गाँव में सनाटे की आवाज आती है ,पास के खेतो से जंगली जानवरों की अजीब अजीब आवाजे आ रही थी |
गाँव में कुते भोंकने की आवाज आती रहती है |गाँव के बाहर वाले मठ में कुछ खोदने की आवाज आती है |कभी उजाला होता है, कभी बंद हो जाता है |
रात यूँ ही निकल जाती है |लालिमा और चीडीयो की चाह्चाह्ट के साथ सुबह हो जाती है |
सीन 1
(गाँव में सुबह का समय )
(दो दोस्त आपस में सुबह सुबह बात कर रहे है )
मुकुल (घबराते हुए धीमे से ):
“पता नहीं कल रात को जब में अपनी भेंश को देखने के लीये उठा तो मठ से कुछ खोदने की आवाज आ रही थी |बार बार उजाला हो रहा था और अचानक फिर बंद हो जाता |
सुमित (चिंता के भाव से ):
अरे हा !सुबह सुबह जब में उठा तो माँ बापू बात कर रहे थे, की एक आदमी कम्बल होड़कर हाफता हुआ जा रहा था |
माँ ने आवाज लगाईं पर उसने पीछे मुड़कर भी नहीं देखा और अचानक पता नहीं कहा गायब हो गया |
मुकुल “अरे, मैंने सुना है यहाँ रात को कोई तो आता है पर किसी किसी को ही दिखता है |लगता है जैसे कोई भुत तो नही | पास ही की रोड पे कोई एक्सीडेंट हो गया था ,सायद उसकी आत्मा घूम रही हो (पास में खड़े गाँव के लोग भी सहम जाते है )
सीन 2
(मठ का रात का द्रश्य )

(मठ का रहस्य)
(मुकुल और सुमित इसके बारे में जानने को तैयार होते है |दोनों गले में ताबीज पहन लेते है ताकि बुरी आतमा से बचा जा सके |
मुकुल -मेरी दादी बोलती है इससे कोई भी कुछ नहीं बिगाड सकता |
दोनों डरते घबराते मठ के पास के घर में छुप जाते है |हाथ में कुल्हाडी और मचिश ले लेते है | थोड़ी देर बाद वही डरावनी अवाजे आने लगती है |
दोनों बहुत डरे हुए लगते है ,मन कर रहा था जैसे आंख बंद करके सुबह तक यही बैठ जाये |दिल की धड़कन तेज तेज धडकने लग रही थी |
हाथ पैरो में कंपकपी लग रही थी |
सुमित -भाई मुकुल मुझे बहुत डर लग रहा है ,पता नहीं मुझे क्या हुआ था जो में तेरे बहकावे में आ गया कही भुत मुझे खा गया तो ,अभी तो मेरी शादी भी नही हुई |धीरे धीरे रोने लगता है और डरावनी आवाज सुनाई देते ही मुकुल को कसकर पकड़ लेता है |
मुकुल -अरे डर तो मुझे भी लग रहा है पर तू और ज्यादा मत डरा|
(अचानक से जोरदार की आवाज सुनाई देती है !दोनों डरकर एक दुसरे को पकड लेते है )
वंहा से कोई आदमी चिलाते हुए भाग रहा था |
दोनों हिम्मत रखकर उसके पीछे भागते है पर वह गायब हो जाता है |
सीन 3
(सुबह उठते ही सुमित अपने पापा से )
(पापा हम रात को देखने गये थे कोई चिलाते हुए मठ से भाग रहा था )
सुमित के पिता घबराते हुए ,तुम वहा क्यों गये थे अगर तुम्हे कुछ हो जाता तो |
गाँव में ये बात आग की तरह फ़ैल जाती है सब जगह डर का माहोल है |
सब बच्चे डरे हुए रहते है |
सीन 4
(मठ का रहस्य)
गाँव के लोग आपस में बाते करते रहते है पर सच्चाई किसी को भी नहीं पता
सब लोग मठ के पास जाने से भी डरने लगे थे|
कोई यदि रासते से गुजरता तो डरे बिना नहीं रहता |
(गाँव के लोग चिंता से एक दुसरे की और देखते रहते है |सबने अपने बच्चो को अकेला भेजना ही छोड़ दिया )
(कैमरा ज़ूम करता है और एक सनाह्त के साथ रात का वही डरावना सीन दिखाया जाता है |
अंत में सुस्पेंस आवाज के साथ कुत्ते की भोकने की आवाज के साथ THE END हो जाता है