Posted inPoem खुली हवाओ का पंछी :साहस मत कर भूल टूटकर भिखरने की ,जीवन सुन्दर फूलो का बगीचा है |हर बार खिलकर टूट जाने पर भी ,वापिस से नया रूप लेता है | हजारो की भीड़ में… Posted by Monika Rodiya February 28, 2025