ममता ;करुणा की गाथा

ममता ;करुणा की गाथा

माँ रो देती है ,माँ हंस लेती है | न्योछावर ममता को कर देती है | गाथा अनोखी है ,संसार में तेरी | बहते आंशू ,आँखों के पोंछ लेती है…