मजबूत रिश्ते (relationships)केवल एक बार ही जन्म लेते है।
मजबूत रिश्ते (relationships) बनाये रखना है तो हर बार ,हर पल उनकी क़द्र करना सीखना पडेगा। रिश्तो की डोर उस कच्चे धागे की तरह होती है , जिसमे थोड़ा भी दबाव पड़ जाए तो ,उसे कमजोर कर देती है। सही मायने में एक बार कमजोर हो जाने वाले रिश्ते (relationships),आने वाले समय में उससे भी कमजोर होते चले जाते है।
रिश्ते (relationships) बंधन है ,कच्चे धागे के मौल के।
सह नहीं पाते,दबाव हर बार।
मजबूर हो जाते है ,टूटने को बेबस।
थोड़ी सी अटकन से बार बार ।
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