मंद उजाला ;प्यार इजहार का अनोखा रूप |

मंद उजाला ;प्यार इजहार का अनोखा रूप |

प्यार एक पूर्ण शब्द

‘प्यार ‘शब्द जहा भी आ जाता है एसा लगता है, जैसे सब कुछ उधर ही रुक सा गया हो ,लोग कहते है ;की प्यार एक अधूरा शब्द है ,पर सही मायने में दिखने में जितना अधुरा लगता है|  असल मायने में उससे भी कही ज्यादा पूरा है | चाहे हर रूप में अलग अलग महसूस होने लगता है |

समन का जीवन

समन अपने परिवार के साथ बड़े ही मजे से रह रहा था |हर दिन अपनी स्कूल जाता और चुपचाप घर पे आ जाता था | जैसे उसे ज्यादा किसी से मतलब ना हो ,धीरे धीरे समन पडाई को ही अपनी जिन्दगी मानने लग गया, अब उसे पडाई और घर के छोटे मोटे काम के अलावा कुछ नहीं सूझता था|

  समय अपनी रफ़्तार से यूँ ही गुजर रहा था |आज वह दिन था ,जब समन की पडाई का रिजल्ट आने वाला था | वह बड़े ही बेसब्री से उन लम्हों का इन्तजार कर रहा था ,की वह बहुत अछे नम्बरों से पास हो जायेगा | रिजल्ट आने के बाद पता चला की उसने, जितनी मेहनत की थी उसको, उतना फायदा नहीं मिल पाया | थोड़े दिन मायुश जरुर था, पर ज्यादा दिनों के लिए नही | अब उसे पडाई के लिए अगली क्लास में जाना था | थोड़ा डर भी था, पर एक अलग एहसास भी, की अब कुछ नया पड़ने को मिलेगा |

समय के साथ उसकी समझ भी बदलने लग गयी .

नेतल से मुलाक़ात

वह जिस रास्ते से स्कूल जाया करता था ,उसी रास्ते पे नेतल रहती थी ,जो उसी की क्लास में पड़ती थी |समन को मानो आज भी इन सब बातो से कोई फर्क नहीं पड़ता था |

नेतल भी पडाई में अछि थी, उसे भी नयी नयी किताबे पड़ने का शोक था |समन जब भी घर के लिए जाता तब, अनजाने में ही सही नेतल रास्ते में मिल ही जाती थी |आज भी दोनों भले ही एक क्लास में पड़ते हो पर दोनों में कभी ज्यादा बात नहीं हुई |

समन मानो ,अब थोड़ा थोड़ा बदला सा लग रहा था ,पर उसे समझ में नहीं आ रहा था, की एसा क्यों हो रहा है |

जन भी नेतल उसके पास से गुजरती, उसकी धड़कन बड़ी ही तेज गती से चलने लगती |

उसकी बड़ी हुई धड़कन से उसके मन में में भी अनेक विचार आने लगते |बड़ी कोशिशो से ,वह अपना दिमाग पडाई में लगाने की कोशिस करता पर ,अचानक से कुछ याद आ जाता और वह मन ही मन मुस्करा देता ,समय अपनी रफ़्तार से यूँ ही निकल रहा था|

प्यार का इजहार

समन अपने आप में यूँ ही संघर्ष कर रहा था |कभी पडाई को लेकर तो कभी इन सब बातो को लेकर ,लग रहा था जैसे उसे कुछ हो गया हो, वह कई कई बार अपने भावो पे नियंत्रण नहीं कर पाता और क्लास में में नेटल को घुमाफिराकर कुछ एसी बाते बोल देता जैसे अब नेतल उसके लिए सब कुछ हो |

कभी कभी एसा लगता जसे नेटल को इन सब बातो से कोई मतलब ही नहीं था |

पर समय बलवान होता है, आज बेसक समन को मौक़ा मिला की वह अपनी फीलिंग नेटल को बताएगा चाहे जो भी हो |

शाम का समय था ,नेतल अपने घर से बहार घूम रही थी , सूरज अपनी लालिमा को समेटकर अँधेरा लाने को तत्पर था |शांत वतावरन में समन ने नेतल को देख लिया और उससे रहा नहीं गया |

बड़ी हिम्मत जुटाकर वह नेटल के पास गया ,जैसे जैसे वह पास जा रहा था ,अपनी बढती धड़कन के साथ मन में संजोये सब्दो को भूलता जा रहा था |

बड़ते हुए पैर भी उसका साथ नहीं दे रहे थे ,थोड़ी घबराहट के साथ आज समन कुछ ही पल बाद नेतल के सामने जाकर खडा हो गया |

मंद प्रकाश अपनी लालिमा नेतल के चेहरे पे डाल रहा था, वह शांत स्वभाव में खडी हुई ये सब देख रही थी |

आज समन ने घबराते हुए ,लडखडाते हुए पेरो के बल बैठ्कर एक ही पल में वो सब कुछ बता दिया जो ,उसके साथ हो रहा था |थोड़ी देर तक नेतल को कुछ समझ में नहीं आया, जैसे सब कुछ उसके सर से उपर निकल गया हो |उसे थोड़ी शर्म भी आ रही थी |थोड़ा डर भी लग रहा था |

समन ने बड़ी हिम्मत जुटाकर उसे अहसास दिलाया की ,उसके मन में उसके लिए कुछ फीलिंग है |पर सीधा सीधा वह कुछ बोल भी नहीं पा रहा था, ना ही नेटल कुछ समझ रही थी |

आखिर समय के बड़ते पहर के साथ समन ने बता दिया की “वह उससे उतना ही प्यार करने लगा है ,जितना अपनी किताबो से.वह उससे उतना ही प्यार करने लगा है, जितना अपने आप से ,उसके अलावा उसे और कुछ अच्छा नहीं लगता ,हर पल बस ख्वाबो में खोया रहता है |

बेइंतहां शब्द कम है ,उसे जताने को |उसे ये भी पता नहीं था की नेतल के मन में क्या था |पर दिल खोल के उसने अपनी फीलिंग रख दी |

थोड़े ही समय बाद ,समन की आंखे बंद सी हो गयी| थोड़ा पछतावा भी महसूस होने लग रहा था की उसने पता नहीं क्या क्या बोल दिया |

मंद मंद प्रकाश भी सायद आज अपने आप में रूठने लग गया हो ,और रात को जल्द ही बुला रहा हो |

नेतल अचानक से सन्न रह गयी ,पर उसने उस समय बस अपनी नजरो को झुकाकर मानो कुछ इशारा किया हो |

थोड़ी देर बाद छोटी सी मुस्कान के साथ लग रहा था ,जैसे समन की हां में हा हो ,थोड़ी देर में एक जोर की आवाज से नेतल की माँ उसको बुला लेती है |

समन का अहसास

अब समन तोडा सहज महसूस करता है …..इस बात से नहीं की ,उसे कुछ जवाब नहीं मिला बल्कि इस बात से उसने आज पहली बार इतनी हिम्मत जुटाई है |

मंद प्रकाश में प्यार का इजहार, एक सफल सौदा हो सकता है, अगर सब साथ दे तो |

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