सुपर हीरोज : माँ बाप का प्यार
माँ बाप
नीचे दी गयी पंक्तियो के माध्यम से लेखिका ने माँ बाप को यह सलाह दी है कि हमें अपने बच्चो का लालन पालन इस प्रकार से करना चाहिए की वे ,माँ बाप को बराबर समझे |

जीवन सुख दुख का मेला है ||
एक का दु:ख, दूसरे ने झेला है |
जीवन जीने के लिए है ,साथी बनकर ||
कभी गिरकर ,कभी संभलकर |
बच्चे होते हैं, जीवन खुशहाल बनाने को |
माँ के दुलार, पापा का प्यार पाने को |
पूछ कर देखो ,दर्द दिलो के अह्सान उनको ||
कमी रहती है, किलकारी की , जीवन भर जिनको |
मिला है, सब कुछ ,संभलकर तो जिओ ||
दुलारकर ,अपनी ममता को तो जिओ |
लुटाकर ,अपने प्यार को तो जिओ |
दूर क्यों रहते हो ,बचपन में सांये से उसके ||
थोड़ा कुछ बलिदान करके तो जिओ |
यूँहि पूर्ण हो जाएगा ,सफर जिंदगी का |
उसके सुपर हीरोज , बनकर तो जिओ |
लेखिका कहती है कि जो जीवन हमें मिला है ,उसमे कभी दुःख तो कभी सुख आते ही रहते है | पूरा जीवन कभी भी एक सामान नहीं चलता है | माँ बाप दोनों को एक दुसरे के सुख दुःख का साथी बनकर जीना है | जीवन में बच्चे ,जीवन को और ज्यादा खुशहाल बनाने के लिए होते है | जाने अनजाने में ये देखा जाता है की हम बच्चे को कह देते है या तो माँ ,सुपर माँ है ,या पापा सुपर पापा है | इन सबसे अलग दोनों को साथ रहकर’सुपर हिरोज‘ बनकर दिखाना है |
माँ बाप को एक दुसरे से अलग समझकर नहीं देखना है | दोनों का बलिदान ही हमेशा बच्चों को एक खुशहाल जीवन देता है |
-प्रेम
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