
विश्वास बना लो, हार को जीत में बदलने का ||
मेहनत से घबरा कर ,पीछे क्यूँ हटते हो |
चार पल में कट जाएगी जिंदगी ,
डर के क्यों जीते हो |
भँवरे नहीं तुम उस फूल के, मकरंद लेने के बाद भूल जाओगे|
तुम तो साहिल हो उन लहरों के,
चोट खा खाकर भी मुस्कावोगे|
मेहनत करके तो देखो रंग लाएगी एक दिन |
उजड़े बाग़ में फूल खिलाएगी एक दिन |
विश्वास कभी कम मत होने देना ,अपने आप पर |
तेरा विश्वास ही तेरी जीत है ,
तेरा विश्वास ही तेरी मंजिल है |
कौन रोक पायेगा सफल होने से तुझे |
भले ही हार गया तू अपने मन से ,
कल फिर से जीत जावोगे |
हारना तेरी फितरत नहीं ,
जितना तेरी आदत है |
हारको जीत में बदलकर सबको दिख्लावोगे|
कौन कहता है, हार के बाद जीत नहीं सकते ||
अरमान मन में ,विश्वास ,जूनून, सवार हो कुछ करने का ,
हार हार रह जाती है, जीत बनकर लौट आती है |
-प्रेम
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