two best friend

दो सबसे अच्छे दोस्त,अधूरी मदद:एक अफ़सोस

दो दोस्त

यह कुछ समय पहले की बात है। दो दोस्त सरकारी स्कूल में पढ़ते थे। उन दोस्तों में से एक बहुत गरीब था और दूसरा उतना अमीर नहीं था ,लेकिन उस दोस्त के अनुसार वह संपन्न था।

काफी समय से वह दोस्त अपने गरीब दोस्त की हमेशा मदद करता रहता था। जब भी उस दोस्त को पैसों की जरूरत होती तो वह हर हाल में उसकी मदद करता था।

ऐसे ही समय बीत रहा था, सब कुछ ठीक चल रहा था, अचानक एक दिन उस गरीब दोस्त को पढ़ाई के लिए कुछ पैसों की जरूरत पड़ी तो उसने अपने दोस्त से कहा कि वह आगे पढ़ना चाहता है, अगर उसके पास पैसे हैं तो वह उसकी मदद करे।

उस दिन उस गरीब दोस्त को लगा कि शायद पैसों के बारे में पूछकर उसने बहुत बड़ी गलती कर दी। साफ दिख रहा था कि इस बार वह पैसे नहीं दे पाएगा। और हुआ भी यही, उसके दोस्त ने पैसे देने से मना कर दिया ……. बेचारा दोस्त आज मेहनत करके नौकरी कर रहा है और उसने अपनी आगे की पढ़ाई भी कर ली है लेकिन आज भी कभी-कभी उसे लगता है कि काश !उस समय उसके दोस्त ने उसकी थोड़ी और मदद की होती तो ज़िंदगी कुछ और होती क्योंकि बेचारे दोस्त ने उससे लिया हुआ सारा कर्जा वापस कर दिया था

लेकिन यह बात उसके दिमाग में ज़िंदगी भर घूमती रहेगी|

कहानी की सीख – अगर हमारे पास कुछ पैसे हों और खास तौर पर किसी होनहार दोस्त की पढ़ाई में थोड़ी मदद की जाए तो शायद उस समय सब कुछ और बेहतर हो जाए|

“ज़िंदगी ऐसे ही चलती रहती है, सही समय पर की गई थोड़ी सी मदद भी ज़िंदगी भर याद रहती है|”

-प्रेम

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