इंसान :मानवता का अनंत एक रूप |
इंसान की मानवता

अच्छा इंसान वो नहीं ,जो अच्छा काम करे |
सच्चा इंसान वो नहीं ,जो सच बोलता हो |
दुखी इंसान वो नहीं, जो दुखी रहता हो |
बल्कि ,समय की पाबंदी में रहकर ,
मानवता को हित में रखकर |
कुछ करने का जज्बा रखने वाला ही |
इस धरती पे ‘वाह वाह ‘पाता है |
-प्रेम
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